रविवार, 21 जून 2009

यह दिया बुझे नहीं
- गोपाल सिंह नेपाली (Gopal Singh Nepali)

यह दिया बुझे नहीं

घोर अंधकार हो
चल रही बयार हो
आज द्वार–द्वार पर यह दिया बुझे नहीं
यह निशीथ का दिया ला रहा विहान है।

शक्ति का दिया हुआ
शक्ति को दिया हुआ
भक्ति से दिया हुआ

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