हिन्दी भाषा

आज हिन्दी भाषा की स्थिति यह है कि नेता और अधिकारी सिर्फ हिन्दी के नाम पर अपना प्रचार प्रसार करते है हिन्दी का नहीं । सिर्फ हिन्दी पखवाडा मनाया जाता है उसके बाद सब सामान्य हो जाता है जैसे कि कुछ हुआ ही नहीं । क्या हिन्दी की इस स्थिति मे परिवर्तन होगा ? हिन्दी की इस स्थिति मे परिवर्तन सामूहिक प्रयास से ही होगा । हिन्दी मे अधिकाधिक लेखन और इंटरनेट पर हिन्दी भाषा के साहित्य की उपलब्धि
इसके उत्थान मे एक महत्वपूर्ण कारक सिद्ध होगा । हमें अपने सामूहिक प्रयास से हिन्दी को विशव पटल पर चमकाना है और इंग्लिश की भाँति हिन्दी को भी विश्व भाषा बनाना है ।

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